बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 9
जनसंख्या, व्यापार व पर्यावरण
(Population, Trade and Environment)
प्रश्न- पर्यावरणीय विधान पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा
चार पर्यावरणीय नियम लिखिए।
अथवा
पर्यावरणीय नियम से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर -
(Environmental Legislation)
पर्यावरण संविधान का एक महत्वपूर्ण पक्ष है - कानून के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करना अथवा पर्यावरण को हानि पहुँचाने पर सजा का प्रावधान करना। पर्यावरण कानून की आवश्यकता इसलिए अधिक होती है कि जब व्यावसायिकता के आधार पर संसाधनों का शोषण होता है अथवा अधिकतम लाभ प्राप्ति के लिए उद्योगों की स्थापना होती है या अन्य विकास के कार्य किये जाते हैं तो उनमें पर्यावरण को बचाने या उसके प्रदूषित न होने हेतु साधारण से साधारण उपाय भी नहीं किये जाते। यही नहीं वनों की निर्ममता से कटाई स्वयं वन्य जीवों का शिकार विस्तृत पैमाने पर हो रहा है। इन सबके कारण पर्यावरण संकट बढ़ता जा रहा है। अतः विश्व के सभी देशों ने इस प्रकार के नियमों, कानूनों को बनाया है। कुछ अन्तर्राष्ट्रीय कानून भी बने हैं। यह महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों एवं भारत में पर्यावरण कानूनों के स्वरूप का संक्षिप्त विवेचन प्रस्तुत है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण से सम्बन्धित कई सामूहिक और क्षेत्रीय कानून बनाये गये और अनुबन्ध किये गये। सन् 1963 में आणविक हथियारों के परीक्षण पर रोक हेतु संधि (Nuclear Weapons Tests Bon Treaty - 1963) की गई। इसी प्रकार 1968 में 'Non Proliferation of Nuclear Weapons' का अनुबन्ध किया गया। इनका उद्देश्य आणविक परीक्षणों इत्यादि से पर्यावरण की होने वाली हानि विशेषकर रेडियोधर्मिता से बचाव करना रहा है। इसी प्रकार 1967 में बाह्य आकाश सन्धि तथा 1971 में सागरीय तल में आणविक हथियारों के रखने पर प्रतिबन्ध की सन्धि की गई। दो अन्य महत्वपूर्ण अनुबन्ध सागरीय जल में तेल प्रदूषण को रोकने के सम्बन्ध में 1969 में किये गया - Intervention Convention' और Liability Convention'। इनका उद्देश्य तेल द्वारा सामुद्रिक प्रदूषण से रक्षा तथा हानि होने पर मुआवजा देना था। 17 दिसम्बर, 1970 को संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने सागर तल का वह भाग जो क्षेत्रीय सागर की सीमा से परे हैं पर प्रदूषण के प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया तथा 1982 में सागरीय पर्यावरण की सुरक्षा हेतु 'United Nations Convention on the Law of Sea' पारित किया। इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण पर्यावरण सम्बन्धी प्रस्ताव पारित किये गये दस्तावेज हैं
(i) International Plant Protection Convention, 1951
(ii) The International Convention for the Prevention of the Pollution of the Sea by Oil, 1954
(iii) The African Convention on the Conservation of National Resources, 1968
(iv) The Convention of Wetlands of International Importance, 1971
(v) The Convention of the Protection of the World Cultural and Natural Heritage, 1972.
इसके अलावा अनेक अन्तर्राष्ट्रीय दस्तावेज वायु, जल प्रदूषण को रोकने के सम्बन्ध में पारित किये गये।
सन् 1972 पर्यावरण एवं सुरक्षा के लिए हमेशा याद किया जायेगा, जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ तत्वाधान में स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में 5 से 16 जून तक 'मानव पर्यावरण पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन किया गया। इसमें 'मानव पर्यावरण' पर एक घोषणा पत्र (Declaration on the Human Environment) पारित किया, जिसे विश्व के सभी देशों ने स्वीकार किया। इसी के अन्तर्गत पर्यावरण की रक्षा के लिए एक 'कार्य योजना' का भी निर्माण किया गया। इसके पश्चात् ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर यूनेप (United Nations Environment Programme UNEP) Earthwatch, ‘Global Environment Monitoring System' इत्यादि कार्यक्रम चलाये गये और 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस' के रूप में मनाये जाने का निश्चय किया गया। पर्यावरण के सम्बन्ध में अनेक क्षेत्रीय अनुबन्ध भी हुए हैं। अभिप्राय यह है कि आज विश्व के सभी राष्ट्र पर्यावरण के संकट से बचने के लिए सहयोग को तत्पर हैं तथा इस दिशा में पर्याप्त प्रयत्न किये जा रहे हैं।
भारत में पर्यावरण की रक्षा के लिए अनेक कानून बनाये गये हैं, स्वतन्त्रता से पूर्व सामान्य कानूनों के अन्तर्गत ही जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वन संरक्षण इत्यादि के नियम थे। ये अधिक प्रभावशाली नहीं थे और उस समय प्रदूषण की समस्या व्यापक भी नहीं थी। स्वतन्त्रता के पश्चात् योजनाओं के अन्तर्गत जो औद्योगिक विकास, परिवहन विकास, शहरीकरण इत्यादि से पर्यावरण सम्बन्धी अनेक समस्याओं का जन्म हुआ, परिणामस्वरूप संविधान की धारा 47, 48A और 51A में अनेक पर्यावरण रक्षा के प्रावधान जोड़े गये। अनेक एक्ट इससे सम्बन्धित बनाये गये। इनमें से चार अधिनियम अधिक महत्व रखते हैं
(i) वन संरक्षण अधिनियम, 1980.
(ii) वायु निवारण एवं जल प्रदूषण अधिनियम, 1974, 1980.
(iii) वायु प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण अधिनियम, 1981.
(iv) पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986.
उपरोक्त सभी का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना रहा है इसके अतिरिक्त भी अनेक प्रावधानों द्वारा पर्यावरण की रक्षा की जाती है। अनेक उदाहरणों में उच्च न्यायालयों ने पर्यावरण विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाई है। केन्द्र में एक स्वतन्त्र मन्त्रालय पर्यावरण के संरक्षण हेतु है। इसी प्रकार राज्यों में भी पर्यावरण मंत्रालय कार्य कर रहे हैं तथा वे क्षेत्रीय परिस्थितियों के अनुरूप नियम बनाते हैं तथा पर्यावरण की रक्षा का प्रयत्न करते हैं। संक्षिप्त रूप में यह कहा जा सकता है कि पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण के कानूनी प्रावधानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यद्यपि यह कार्य कानून की अपेक्षा जन सहयोग एवं जन जागृति से अधिक प्रभावशाली रूप में किया जा सकता है।
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- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की विषय सामग्री बताइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी संरचना को समझाइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की संरचना बताइए।
- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र के प्रकार बताइए तथा पारिस्थितिक तन्त्र के महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विकास में पारिस्थितिक तन्त्र का महत्व क्या है?
- प्रश्न- पेरेटो की सामान्य कल्याण की इष्टतम् दशाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कल्याणवादी अर्थशास्त्र में पैरेटो अनुकूलतम की शर्तें पूर्ण प्रतियोगिता में कैसे पूरी होती हैं? .आलोचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की अवधारणाएँ समझाइए।
- प्रश्न- पेरेटो के कल्याण अर्थशास्त्र की अथवा इससे सम्बद्ध अनुकूलतम शर्तों की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
- प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं का आशय बताइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय नीतियों के संक्षिप्त अवलोकन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत की पर्यावरणीय नीति के सिद्धान्त बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण नीति बताइये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरणीय नीति, 2006 क्या हैं?
- प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरण नीति, 2006 के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरण में वृहत आर्थिक नीति की भूमिका की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय जल नीति को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में वन नीति को समझाइए।
- प्रश्न- सतत विकास को प्राप्त करने में पर्यावरणीय नीति कहाँ तक सहायक रही है?
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रदूषण नियंत्रण हेतु नीतिगत उपकरण बताइये।
- प्रश्न- पीगूवियन कर क्या है?
- प्रश्न- सीमा पार पर्यावरणीय मुद्दों से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अर्थव्यवस्था पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? इसके मूल्यांकन की विधियों को बताइये। पर्यावरणीय मूल्यांकन की स्पष्ट अधिमान विधियों का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की विभिन्न विधियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की अभिव्यक्त अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की प्रकरित अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आनन्द कीमत विधि क्या है? रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए तथा इसकी आलोचनाएँ भी बताइए।
- प्रश्न- प्रतिबन्धात्मक व्यय विधि को समझाइये।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए - (a) प्रतिनिधि बाजार रीति तथा (b) सम्पत्ति मूल्य रीति।
- प्रश्न- मजदूरी-विभेदात्मक उपागम बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की लागत आधारित विधियाँ का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पुनः स्थानीयकरण लागत रीति विशेषताएँ क्या है?
- प्रश्न- प्रतिस्थापन लागत विधि क्या है? इस विधि को रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकास मॉडल की सामाजिक सीमाएँ सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हरित लेखांकन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- परिमाण प्रत्युत्तर विधि को बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी अथवा पूर्वानुमानित विधि को समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अधिप्रभाव आंकलन के निर्देशक सिद्धान्त क्या हैं?
- प्रश्न- पर्यावरण नीति व विनियमों का लागत लाभ विश्लेषण का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों की माप में आने वाली कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों के मापन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय क्षति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- सतत् विकास से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सतत् विकास को प्राप्त करने के लिए उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के अवरोधक घटकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के संकेतकों या मापकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् विकास के लिए भारत द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
- प्रश्न- सतत् विकास की रणनीति पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्यताओं का पीगूवियन विश्लेषण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- उत्पादन की सकारात्मक बाह्यताओं को पीगू के विश्लेषण के अनुसार समझाइए।
- प्रश्न- पीगू के विश्लेषण के अनुसार उत्पादन की नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
- प्रश्न- उपभोग में सकारात्मक बाह्यताओं पर टिप्पणी लिखिए तथा इसमें नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुओं से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए। बाह्यताओं तथा बाजार विफलताओं को किस प्रकार समाप्त किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सार्वजनिक खराबी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुएँ क्या विशेषताएँ रखती हैं?
- प्रश्न- बाह्यताओं एवं बाजार विफलताओं को दूर करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए। कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
- प्रश्न- पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
- प्रश्न- बाजार असफलता किन दशाओं में सम्भव है?
- प्रश्न- पीगूवियन सब्सिडी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बाह्यताओं के समाधान हेतु सुझाव क्या हैं?
- प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
- प्रश्न- सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में प्रो. रोनाल्ड कोज की प्रमेयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रो. आर. कोज द्वारा सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में बतायी गयी द्वितीय प्रमेय को समझाइये।
- प्रश्न- कोज द्वारा बताए गए प्रमेयों का महत्व समझाइए।
- प्रश्न- सम्पदा अधिकार के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी के अवयव लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु है। समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय गुणवत्ता का आशय एवं महत्व बताइये।
- प्रश्न- इको लेबलिंग (Eco Labelling) का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- पर्यावरण दक्षता (Eco Efficiency) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसके लक्षण बताइए। इसके लक्ष्यों को भी लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लाभ बताइये। सतत् सुधार चक्र को समझाइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यक्षेत्र तथा आवृत्ति को बताइए। पर्यावरणीय अंकेक्षण के क्या लाभ होते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण की आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण का कार्यक्षेत्र समझाइए। यह किसे करना चाहिए?
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण के लाभ बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में भारतीय संविधान के प्रावधान बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्धन क्या है?
- प्रश्न- प्राकृतिक संसाधन प्रबन्ध से आपका क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण कार्यक्रम पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण प्रोटोकॉल का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के प्रमुख तत्व बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा का आशय एवं परिभाषा बताइये। पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व को स्पष्ट करते हुए इसके क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मूल्य-आधारित पर्यावरणीय शिक्षा क्या है? इसका महत्व एवं आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मूल्य आधारित पर्यावरणीय शिक्षा का महत्व एवं आवश्यकता समझाइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय शिक्षा को प्रभावी बनाने हेतु उपायों का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय जागरूकता से आप क्या समझते हैं? पर्यावरणीय जागरूकता / शिक्षा के उपाय बताइये।
- प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय शिक्षा पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा की प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा के प्रसार के अवरोधों को दूर करने के उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय विधान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन एवं पर्यावरण पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के अन्तर्गत व्यापार तथा पर्यावरणीय मुद्दों को समझाइये।
- प्रश्न- "जनसंख्या, निर्धनता तथा पर्यावरण एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है।' विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं स्वास्थ्य के मध्य सम्बन्ध का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है?
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- व्यापार एवं पर्यावरण में सम्बन्ध लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण पर मनुष्य का क्या प्रभाव पड़ा है?
- प्रश्न- लिंग समानता तथा पर्यावरण को बताइये।
- प्रश्न- ग्रीन हाउस प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी तन्त्र (Eco System) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरो मानक से क्या समझते हो?
- प्रश्न- भारतीय उत्सर्जन मानक (BS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रमुख वैश्विक पर्यावरण मुद्दों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक ऊष्मीकरण या वैश्विक उष्मण।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ओजोन परत व उसके क्षरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अम्लीय वर्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरण संरक्षण में भारत की न्यायपालिका की सक्रियता या भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कार्बन ट्रेडिंग या कार्बन व्यापार से आप क्या समझते हैं?